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Rewa news:लोकायुक्त कार्यालय में आग लगने के बाद कलेक्टर ने तलब की रिपोर्ट!

Rewa news:लोकायुक्त कार्यालय में आग लगने के बाद कलेक्टर ने तलब की रिपोर्ट!

 

 

 

 

 

 

 

मॉडल बाजार का फायर फाइटिंग सिस्टम चोरी

रीवा. शहर के शिल्पी प्लाजा को मॉडल बाजार के रूप में जाना जाता है। इस बिल्डिंग के निर्माण के समय आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया गया था। वर्तमान में इसका अधिकांश हिस्सा गायब है। कहा जा रहा कि चोर उठा ले गए हैं। यहां पर आग लगने पर बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

किसी भी घटना पर आग बुझाने की पूरी निर्भरता नगर निगम के फायर बिग्रेड पर रहती है। हाल ही में शिल्पी प्लाजा के बी ब्लाक में संचालित लोकायुक्त कार्यालय में लगी आग को बुझाने के साथ ही स्थिति सामान्य करने में करीब घंटे भर से अधिक का समय लग गया। इस बीच शिल्पी प्लाजा के बिल्डिंग में आग पर त्वरित काबू पाने के लिए कोई इंतजाम नहीं होने की वजह से लोग तमाशबीन बने रहे। सूचना के काफी देर बाद जब नगर निगम का अमला आया तब आग बुझाने का प्रयास शुरू हुआ।

 

 

 

 

 

 

 

सबसे अत्याधुनिक सिस्टम लगा था: ए और बी दो ब्लाकों में बने इस भवन में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन बनाए गए थे। बी ब्लाक में जहां आग लगी, उसमें दो आपातकालीन सीढिय़ां बनाई गई हैं। फायर फाइटिंग सिस्टम उस दौर का सबसे अत्याधुनिक लगाया गया था। इस परिसर में करीब 20 से अधिक सरकारी विभागों के कार्यालय संचालित हैं, जहां महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे हुए हैं। साथ ही ज्वेलरी, कपड़े, जूते-चप्पल, इलेक्ट्रानिक सहित अन्य बड़े शो रूम हैं। उनमें करोड़ों रुपए की पूंजी व्यापारियों ने लगा रखी है। आग लगने की घटना ने एक बार फिर व्यापारियों के मन में डर पैदा कर दिया है। कई व्यापारियों ने ’पत्रिका’ से चर्चा के दौरान कहा कि शासन ने हर छोटे भवन में भी फायर फाइटिंग सिस्टम अनिवार्य कर रखा है लेकिन शहर के सबसे महत्वपूर्ण भवन में इसकी अनदेखी ठीक नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए पीछे के हिस्से में वाटर टैंक भी बड़ा बनाया गया है। यहां पर मोटरपंप के साथ पूरा फायर स्टेशन भी बना है। स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि इसका कभी उपयोग नहीं हुआ। शुरुआत के कुछ वर्षों तक आग लगने की घटनाएं नहीं हुईं। अब धीरे-धीरे शार्ट सर्किट की वजह से आग लगने की घटनाएं हर साल हो रही हैं। जब बिल्डिंग में लगा फायर फाइटिंग सिस्टम ही गायब हो गया तो वाटर टैंक खुद गैर उपयोगी हो गया। यहां पर लगा पंप सहित पाइप भी गायब हो गई है।

 

 

 

 

 

 

 

 

बिल्डिंग की दूसरी व्यवस्थाएं भी खस्ताहाल

शिल्पी प्लाजा बिल्डिंग की अन्य व्यवस्थाएं भी खस्ताहाल हैं। यहां पर सीढिय़ों की रेलिंग टूट गई है। शौचालयों की स्थिति बेहद खराब है, गंदगी की वजह से लोग उपयोग करना बंद कर चुके हैं। पेयजल की भी कोई सुविधा नहीं है। इसको लेकर लगातार स्थानीय व्यापारियों द्वारा प्रशासन के सामने मांग रखी जा रही है पर कार्रवाई नहीं हो रही है।

 

 

 

 

 

 

 

फायर फाइटिंग सिस्टम ऐसा लगाया गया था कि बिल्डिंग के भीतर कहीं भी आग लगे, तत्काल वहां पर पानी की व्यवस्था की जा सकती थी। हर मंजिल में कई ऐसे प्वाइंट दिए गए हैं जहां से पाइप खींचकर सीधे पानी छोड़ा जा सकता था। यह कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं। बिल्डिंग के हर हिस्से में ऐसे भी प्वाइंट बनाए गए थे कि फायर बिग्रेड आकर वहां अपना पाइप जोड़ दे तो किसी भी मंजिल तक आसानी से पानी पहुंच सकता था। पाइप के साथ ही सिस्टम का अन्य हिस्सा भी चोर उठा ले गए हैं। अब फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए खाली स्थानों को ढंक दिया गया है, क्योंकि लोग यहां पर पान-गुटखा थूक रहे थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

यह बिल्डिंग पीपीपी मॉडल पर प्रदेश में पहली बार वर्ष 2002 में बनाई गई थी। शिल्पी कांस्ट्रक्शन कंपनी ने भवन बनाए, जिसमें सरकारी विभागों के आफिस भी संचालित हैं और दुकानें भी निकाली गई हैं। उस दौरान फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के बाद प्रशासन को भवन सौंपा गया था। व्यापारियों द्वारा दी गई राशि का पांच प्रतिशत हिस्सा 76 लाख रुपए कलेक्टर कार्यालय में जमा कराए गए थे। कहा गया था कि इस राशि के ब्याज से पीडब्ल्यूडी मेंटेनेंस का कार्य कराएगा। विभाग इसके मेंटेनेंस के प्रति उदासीन रहता है।

 

 

 

 

 

 

 

लोकायुक्त कार्यालय के दस्तावेज सुरक्षित

लोकायुक्त कार्यालय में आग लगने के बाद तरह-तरह की आशंकाएं जाहिर की जा रहीं थीं। इस पर कार्यालय की ओर से स्पष्ट किया गया कि विवेचना से जुड़े सभी दस्तावेज सुरक्षित हैं। जिस हिस्से में आग लगी थी, वहां पर गैर उपयोगी सामग्री रखी थी। आग लगने की वजह से पुरानी फाइलें और फर्नीचर से जुड़े कुछ सामान जल गए हैं। साथ ही आउटसोर्स पर रखी गई फोटोकापी मशीन को भी नुकसान पहुंचा है, लेकिन जरूरी दस्तावेज सभी बच गए हैं। आग बुझाने में दस से पंद्रह मिनट की देरी होती तो बड़ा नुकसान हो सकता था।

 

 

 

 

 

 

फायर फाइटिंग सिस्टम आधुनिक लगाया गया था। बाहर वाटर टैंक के साथ ही फायर स्टेशन भी बना है। इन दिनों सिस्टम खराब है।

महेश वर्मा, व्यापारी

शिल्पी प्लाजा में व्यापारियों ने अपनी बड़ी पूंजी लगा रखी है। आग लगने की घटनाएं तबाह कर देती हैं। फायर फाइटिंग सिस्टम जरूरी है।

लतीफ अंसारी, व्यापारी

शिल्पी प्लाजा में सिस्टम लगाया गया था। वर्तमान में वह किसी काम का नहीं है। दुकानों में आग लगती है तो नगर निगम के फायर बिग्रेड को बुलाना पड़ता है।

मुकेश कुमार, व्यापारी

जिस तरह से शिल्पी प्लाजा में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, वह चिंताजनक हैं। फायर फाइटिंग सिस्टम बनाया गया है।नया सिस्टम जरूरी हो गया है।

शंकर सहानी, रेवांचल चेंबर

फायर फाइटिंग सिस्टम जो लगाया गया है उसका कभी उपयोग नहीं हुआ। चोर सब उठा ले गए। कलेक्टर को ध्यान देना चाहिए।

अजय सोनी, व्यापारी

व्यापारियों ने अपनी दुकानों में पूरी पूंजी लगा रखी है। ऐसे में परिसर की सुरक्षा जरूरी है। नया फायर फाइटिंग सिस्टम जरूरी है।

राजेश जयपुरिया, व्यापारी

 

 

 

 

 

शिल्पी प्लाजा का निर्माण पूरा होने पर व्यापारियों की ओर से आए पांच प्रतिशत की राशि उस समय 76 लाख रुपए कलेक्टर के पास जमा कराई गई थी। पूरे परिसर का रखरखाव पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया है। चिंता का विषय है कि फायर फाइटिंग सिस्टम गायब हो गया और प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

इंजी. राजेन्द्र शर्मा, चैयरमैन शिल्पी इंफ्रा

 

 

 

 

 

 

 

शिल्पी प्लाजा में आग लगने की घटना हुई है। इस पर देखरेख करने वाली समिति से रिपोर्ट मांगी है। यदि फायर फाइटिंग सिस्टम खराब है तो उसे देखा जाएगा कि किस तरह से उपयोग के लायक बनाया जाए। नए की जरूरत होगी तो उसका भी इंतजाम कराया जाएगा। प्रयास होगा कि जल्द ही इस पर कार्य प्रारंभ कर दिया जाए।

प्रतिभा पाल, कलेक्टर रीवा

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